अभी बाकी है

आहटें हज़ारों हैं मन में,

दिल में शोर होना बाकी है।

सीधी राहें चल रहा हूं सफ़र में,

जिंदगी में मोड़ आना बाकी है।


चाहता हूं उड़ना पतंगों की तरह,

बस अब डोर मिलना बाकी है।

पकड़ कर जो खड़ा रहे हमेशा,

वो छोर मिलना बाकी है।


कर सकता हूं बहुत कुछ,

बस वो ज़ोर मिलना बाकी है।

और निकालना अंदर से वो

आलस का चोर बाकी है।


हर बारिश के मौसम को

उस मोर से मिलना बाकी है।

और उन बूंदों में कुछ यादें

अभी छोड़ आना बाकी है।



  



Comments

Popular posts from this blog

अस्तित्व

SONG-YOU-NICE